खुश हूं मैं बड़ा हो गया हूं मैं रो रहा हु मैं नोकरी नहीं फिर भी चल रहा हूं मैं ना जाने क्या करना चाहता हूं मैं इधर चलता हूं मैं कभी उधर चलता हूं मैं बड़ा हो गया हूं मैं खुश हूं मैं, रो रहा हूं मैं ना जाने क्या करना चाहता हूं मैं आगे जाना चाहता हूं मैं नीचे गिर जाता हूं मैं समुद्र पार करना चाहता हूं मैं बीच में ही रुक जाता हूं मैं चट्टान से उपर जाना चाहता हूं मैं नीचे देख डर जाता हूं मैं खुश हूं मैं, रो रहा हूं मैं ना जाने क्या करना चाहता हूं मैं पक्षी बन उड़ जाना चाहता हूं मैं मेरे पड़ नहीं नीचे गिरने से डरता हू मै ना जाने क्या करना चाहता हूं मैं ©Pooja Singh युवा पीढ़ी में #Yuvadiwas #Alone😔 #sayary #Socha #kavita #Pooja #Nojoto2liner #nojotahindi #poem✍🧡🧡💛 #LastDay