गीता का ज्ञान सुने न सुने, इस धरती का यश्गान सुनें हम सबद-कीर्तन सुन ना सकें भारत माँ का जयगान सुनें, परवरदिगार, मैं तेरे द्वार कर ले पुकार ये कहता हूँ, चाहे अज़ान ना सुने कान पर जय-जय हिन्दुस्तान सुनें | जन-मन मे उच्छल देश प्रेम का जलधि तरंगा हो, होठों पर गंगा हो, हाथों मे तिरंगा हो | होठों पर गंगा हो, हाथों मे तिरंगा हो | #IndependenceDay2020 #kumar vishwas