जा रही हूँ मैं, हमेशा के लिए नहीं बस कुछ दीनों की बात हैं क्या रह पाऊंगी आपके बिना कैसें कटेगी रातें क्या चैंन से सो पाऊंगी इन आँखो मे नींद कहाँ से आएगी ये तो पलक भी नहीं झपकाती बिना अपने प्यार को देंखे जा रहीं हूँ बस कुछ दीनों की बात हैं तकिए से अराम मिल पाएगा मुझे तो आपकी बाहों की आदत हैं दीदार को तरसेंगे हमारी नैंना बाहर तो बदहाल सी हालत हैं कैसें आ पाएंगे मुझसे मिलने मेरे नाम से सुबह शुरू होती और मेरे नाम से ही रात क्या रह पाएंगे मुझे बिना देखें जा रहीं हूँ बस कुछ दीनों की बात हैं ऐ सनम पलकें बिछाए इंतजार करना और यही कह के विदा कहूँगी जा रही हूँ अकेले पर आपकी खुशियाँ साथ लेकर आऊंगी.... For you my dear hubby... #secondquote