मेरे देशज रूप में रीति गझिन मेरा हर डाल कलिका प्रसार यौवन मेरा पुष्पों का सहारा गुलाब हूँ तुम्हारा। मेरे बालों में ग़ज़रा तेरे हाथों से सजे ऐसी चाहत लिए बैठी हूँ , हाँ ..मैं तुमसे "मोगरे सा इश्क़" करती हूँ ।।❤️ ******************** हो जाए जो मुझसे कभी गलती कोई , बीच आ जाए हमारे नाराज़गी कोई , काट देना शाख़ मेरी तोड़ देना पत्ते मेरे,