वंदन करो धरा का जिसने माँ समान तुम्हें पाला है | छाती चीर के अन्न दिया है कठिन समय में संभाला है || इसका ऋण चुका पाओगे मानव तनिक बताओ तो | दुःख सह कर भी सुख देने का इसका ढंग निराला है || CPPR-10 साहित्य कक्ष 2.0 आप सभी का स्वागत 💐 है अनुशीर्षक में ✍️चार(4) पंक्ति में रचना Collab करें 🅽🅾🆃🅴 - अगर कोई रचनाकार नियमों और शर्तों को ध्यान में रखकर Collab नहीं करता है। तो उसकी रचना को हम प्रतियोगिता में सम्मिलित करने में असमर्थ रहेंगे।