# कभी कविता से दूर जाते-जाते परछाइयों ने पुकारा मुझे। समय पर पहुँच पाया नहीं, घेरकर तनहाइयों ने मारा मुझे।। *** *** *** *** *** *** खाली स्थान पर सन्नाटा सुनना, अब यहाँ यही काम रह गया है। कविता कल्पना में ही रह गयी, उसका अमर नाम रह गया है।। ...by Vikas Sahni #LastDay Title:-Tanhaaiyon Ne Maara Form:- Sad Poems Written by:- Vikas Sahni Image by:-Notojo #