और क्या लिखूँ तेरे बारे में हर लफ़्ज़ से उभरता एक ही चेहरा है दुनिया है दीवानी गज़लो की तुझे लिखना ही बस मकसद मेरा है तुम आए हो मेरे हिस्से में इरादा ख़ुदा का कोई गहरा है बेताब मेरी अब नज़रे है मासूम सा हमदम मेरा है... © trehan abhishek ♥️ Challenge-633 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।