मुश्किल घड़ी और दोस्त जीवन की मुश्किल घड़ी में जब मैं तन्हा हुआ ऐ दोस्त एक तू ही था जिसने मुझे तन्हा ना किया जब टूटने लगी मेरी हिम्मत तूने ही मुझे हौसला दिया ज़माना जब भी मुझे ठोकर मरता बढ़ा के दामन तूने मुझे थाम लिया जब भूख से व्याकुल हो जाता और जेब खाली होती तूने मुझे कभी मुझे भूखा सोने ना दिया प्यार ने जब ठुकराया था मुझे कुछ गलत ना कर लूं मैं, बन के साया मेरे साथ चल दिया शहर की अंधी दौड़ और नौकरी का बोझ तूने ही मुझे हंसा हर मुश्किल घड़ी से उभार दिया ये मुश्किल घड़ी तेरा शुक्रिया सब ने अपनी औकात दिखाई थी मुझे तूने एक साथ निभाने वाला सच्चा दोस्त दिया #December#MushkilGhadiaurdost#day05