जिंदगी तेरा पीछा करते, थक गया मैं हार गया, फिर उठा पुनः और जाग गया, जिम्मेदारी की लाठी ले सपनो काची काठी ले, प्यार प्रेम की बाती ले, मैं फिर से जीना सीख गया। ©Anand Prakash Nautiyal #जिंदगी#पीछा#थक#हार #CalmingNature