मैं भूलना चाहती हूँ खुद को हर वो बात जिसका तालुक्क है मुझसे न याद रहे मुझे न किसी औऱ को खो जाना चाहती हूं कभी न मिलने के लिए मैं पाना चाहती हूं ख़ुद को फ़िज़ा के ज़र्रे-ज़र्रे में आबोहवा में मेरी रूह महक बनकर बिखर जाए और सिमट जाऊं मैं सारे नज़ारों में कभी कोई अलग न कर पाए मुझे मै लौट जाऊं "अपने घर" कभी वापस न आने के लिए #NojotoQuote To Be One With The One #Goinghome