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जिंदा रहने की बात करते हो, हमने मर मर के ख्वाब दे

जिंदा रहने की बात करते हो, 
हमने मर मर के ख्वाब देखें हैं, 
जाने किसकी नजर लगी हमको, 
कातिलों में जनाब बैठे हैं | 

रोज़ खुशबू की इक तलाश में,
फूल झूठे फिजां में देखें हैं,
पत्ता पत्ता नज़र तो आता है,
सूखे पत्तों की शाक देखें हैं |

©Senty Poet
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