*✍🏻“सुविचार”*📚 🎊*“2/1/2022”*🎉 🎁*“रविवार”* 🌟 “प्रेम” और “घृणा”... दोनों समान “शब्द” है कैसे ? देखिए दोनों में “2½ अक्षर” है ,दोनों में वो “भाव” है जो हमारे “मन” से है, अब दोनों भाव से जुड़े “व्यक्ति” हमारे लिए “महत्वपूर्ण” है अंतर बस इतना है, “प्रेम” को मिलता है “सम्मान” और “घृणा” को मिलती है “उपेक्षा”, ऐसा क्यों ? क्योंकि “प्रेम” वो “भाव” है जहां “व्यक्ति” सबकुछ दे देना चाहता है,वहीं “घृणा” ऐसा “भाव” है जहां “व्यक्ति” सबकुछ “पा लेना” चाहता है, सबकुछ “जीतना” चाहता है फिर भी “प्रेम का ये भाव” आपको कभी “हारने” नहीं देता है और “घृणा का ये भाव” आपको कभी “जीतने” नहीं देता है क्या करेंगे आप...? “एक ही जीवन” है इसे “घृणा” के साथ “व्यतीत” करना “पंसद” करेंगे या “प्रेम के साथ”, मैं तो “प्रेम” को ही चुनूंगा... और आप *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार”*📚 🎊*“2/1/2022”*🎉 🎁 *“रविवार”* 🌟 *#“प्रेम और घृणा”* *#“समान शब्द”*