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क्यूंँकि मैं पुरुष हूंँ (In caption)

      क्यूंँकि मैं पुरुष हूंँ
       (In caption) आज मेरे कुछ अपनों के नाम❤️❤️
चीखता हूंँ मैं भी अन्दर
अचानक चुप्पी धर मौन हो जाता हूंँ
सदियों से सब कहना है मुझको
पर मैं कह नहीं पाता हूंँ
क्यूंँकि मैं पुरुष हूंँ!
रहना है पत्थर हो
भार ज़िम्मेदारियों का ढोना है
      क्यूंँकि मैं पुरुष हूंँ
       (In caption) आज मेरे कुछ अपनों के नाम❤️❤️
चीखता हूंँ मैं भी अन्दर
अचानक चुप्पी धर मौन हो जाता हूंँ
सदियों से सब कहना है मुझको
पर मैं कह नहीं पाता हूंँ
क्यूंँकि मैं पुरुष हूंँ!
रहना है पत्थर हो
भार ज़िम्मेदारियों का ढोना है