महफिल में तेरे जब शामिल हुये थे प्यार में तेरे तब हम घायल हुये थे दीप जलने लगी जब ख्यालो में मेरी तब तेरे प्यार के हम कायल हुए थे। नींद खोने लगी जब मुहब्बत में मेरी चाहत में तेरे तब हम पागल हुये थे करवटें टिकती नहीं मुहब्बत में मेरी तब रात-भर हम आहें भरने लगे थे चाह में "चमन" के जब खिलने लगे थे भौरे भी मुझपे दिल से मचलने लगे थे #चमन_देहाती✍ #गज़ल ©Puranjay Kumar Gupta #MusicLove