लो महफ़िल में जिक्र तुम्हारा धड़कने हमारी तेज हो गई है। ये जो जाम उठाया है तुमने नज़रें हमारी वेवफा हो गई है। मुझको समेट लेना अपनी बाहों में तुम जो लडखडायें मेरे कदम। ऐसे भी क्या खास हो तुम कि सारी दुनिया गलत हो गई है।। सारी दुनिया गलत हो गई है