ज़िंदगी और जंग जिन्दगी एक आस पर कुछ यूं जिया मैंने। बाद मैदान_ए_जंग पर, कुछ तो शुकूं मिलेगा।। :- सुजीत कुमार मिश्रा, प्रयागराज। #जिन्दगी_और_जंग #सुजीत_कुमार_मिश्रा