रचना - ख्यालों से सलाम तुम्हे बस ख्यालों में रख सज़दे हजार करता है .... शायद देख लो एक बार ... सोचकर खुद को संवार रखता है तुम्हारी जुल्फों को बिगाड़ देने वाली हवाओ से टकराने को तैयार रहता है ये दिल है इसे फक्र है..... अपने नूरानी इश्क पर .... देहलीज का ये अहतराम रखता है .... तुम्हारी यादों के खुशनुमा ख्यालों के गुब्बारों से .. दिल के कमरे को रोशन करता है .. तेरी मौजूदगी का ...मोहताज नहीं है ये बस ख्यालो से ..दुआ ..बंदगी और सलाम करता है ... मोहब्बत कितनी है तुमसे इसका अंदाजा नहीं लगा पाया अब तक ... पर मोहब्बत को मापने के पैमाने हजार गढ़ता है ... तेरी मौजूदगी का मोहताज नहीं है दिल ... खाली है .. सिर्फ तेरी तस्वीर और ख्यालों से .दुआ सलाम करता है #NojotoQuote रचना - ख्यालों से सलाम तुम्हे बस ख्यालों में रख सज़दे हजार करता है .... शायद देख लो एक बार ... सोचकर खुद को संवार रखता है तुम्हारी जुल्फों को बिगाड़ देने वाली हवाओ से टकराने को तैयार रहता है