बड़े उलझे हुए हो खुद को सुलझाओगे कब वह तो समझ गए हैं खुद को समझाओगे कब चलो चलते हैं सफर में अपनी किस्मत को आजमाओगे कब ये सफर है अंधकार का खुद में चिंगारी जलाओगे कब मंजिल मंजिल कहते हो,अब तक सफर में हो, राही फासले कम है थोड़ी और साहस दिखाओगे कब थोड़ी और हिम्मत दिखाओगे कब,,,,!! #Vकास.... , ©VIKAS" VKB #DEARJINDAGI #यात्री #DEARJINDAGI #Travel Divyanshu Singh Rashmika Aarti Kumari VED PRAKASH 73