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यस्मिन देशे न सम्मानो न वृत्तिर्न च बांधव:। न च वि

यस्मिन देशे न सम्मानो न वृत्तिर्न च बांधव:। न च विद्यागमोऽप्यस्ति वासस्तत्र न कारयेत्।। अर्थ - जहां ना तो सम्मान हो, न रोजगार हो, न कोई दोस्त या रिश्तेदार हो, जहां शिक्षा न हो, जहां लोगों में कोई गुण न हो, ऐसी जगहों पर घर नहीं बनाना चाहिए।

©Prosenjit Das
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