Nojoto: Largest Storytelling Platform

"राष्ट्रवाद के आगे सब बेकार हैं, प्रलोभन मत दो युव

"राष्ट्रवाद के आगे सब बेकार हैं,
प्रलोभन मत दो युवाओ को,
यह नये भारत के नव स्वाभिमान के मूलाधार हैं।"
आयुष पंचोली भारत के इतिहास मे आज का दिन स्वर्णिम अक्षरो मे लिखा जायेगा। जब दुसरी बार भारत की जनता ने सभी खोखले वादों को नकार राष्ट्रवाद को चुना। एक ऐसे व्यक्ति को अपना राजा चुना, जो जनता और राष्ट्र के हित के लिये पुर्ण रूप से समर्पित हैं। यह जीत किसी और की नही बस उस एक व्यक्तित्व की हैं, जिसने भारत को स्वाभिमान से जीना सिखाया। इसीलिये कोई सांसद इसे अपनी जीत ना माने, यह उस व्यक्ति का प्रभाव हैं, जिसने नये भारत को नई बुलन्दियों पर बैठाया हैं। अब अगली जीत किसकी होगी यह आपके कार्यो और कर्मो पर निर्भर करेगा। मगर आज एक बात तो सांफ़ हो गई, मेरे देश का युवा स्वाभिमानी हो गया हैं। और जिसने उन्हे स्वाभिमानी बनाया वह वही शख्स हैं, जो शाक्त हैं, एक देवी का उपासक हैं, और जिसके लिये कर्म और राष्ट्र ही सर्वोपरी हैं। 
बहुत समय बाद भारत को कोई उम्मीद मिली हैं, जो उसकी शक्ती, विश्वास और ऊर्जा को सही दिशा देने मे सक्षम हैं। बस उसका हौंसला ना टूटने देना। वह अकेला चल रहा हैं, और अकेले ही उसने सबकुछ बदल दिया, बस अब उसका साथ देदो। क्या पता अगले चुनाव मे भारतवासी नही विश्वगुरु के नागरीक अपने मत का प्रयोग करें। मैने अटल जी के अलावा कभी किसी राजनेता को इतना सम्मान नही दिया, पर इस व्यक्ति के लिये दिल से आवाज आती हैं। कुछ तो हैं ना उसमे। जिसने आज पुरे भारत को एक होने पर मजबूर कर दियां। जात, धर्म से परे सबको राष्ट्रवादी बना दिया। अगर मोदी नही तो फिर कोई नही बस यहीं सोच थी इस बार सबकी, जिसने पुरे भारत को ही भगवामयी बना दिया। भगवा किसी धर्म विशेष का रंग नही हैं। भगवा आन हैं, सनातन धर्म की, भगवा आन हैं, सिन्धु घाटी से उपजी महान संस्कृति की। बस आज उसी भगवा की शान मे चार चांद, माँ भारती के लाल ने लगा दिये हैं।
अब जिसे जो कहना हैं कहलो, मैं तो खुश हूँ, मेरा देश स्वाभिमानी हो गया। उसने हर उस शख्स को नकार दिया, जिन्होंने मातृभूमि का अनादर किया। सोच किसकी कैसी हैं पता नही , मगर राष्ट्रवाद तो लोगो मे हैं । और यहीं राष्ट्रवाद नये भारत को नई बुलन्दियों पर लेकर जायेगा। 
अब मेरी वह सूची जिसमे मे स्वामी विवेकानंद, अटल जी और कलाम जी को रखता था, आज से मोदी जी भी उसी का हिस्सा होंगे। आपके आदर्श कौन हैं, यह तो आपको सोचना होता हैं। मगर मेरे आदर्श तो वही हैं, जिन्होने देश को चलना सिखाया, अपने आप पर गर्व करना सिखाया और मेरे सनातन धर्म की आन को अपने कर्मो से परिभाषित कर दिखाया।
वंदे मातरम् ।।

आयुष पंचोली 
©ayush_tanharaahi
"राष्ट्रवाद के आगे सब बेकार हैं,
प्रलोभन मत दो युवाओ को,
यह नये भारत के नव स्वाभिमान के मूलाधार हैं।"
आयुष पंचोली भारत के इतिहास मे आज का दिन स्वर्णिम अक्षरो मे लिखा जायेगा। जब दुसरी बार भारत की जनता ने सभी खोखले वादों को नकार राष्ट्रवाद को चुना। एक ऐसे व्यक्ति को अपना राजा चुना, जो जनता और राष्ट्र के हित के लिये पुर्ण रूप से समर्पित हैं। यह जीत किसी और की नही बस उस एक व्यक्तित्व की हैं, जिसने भारत को स्वाभिमान से जीना सिखाया। इसीलिये कोई सांसद इसे अपनी जीत ना माने, यह उस व्यक्ति का प्रभाव हैं, जिसने नये भारत को नई बुलन्दियों पर बैठाया हैं। अब अगली जीत किसकी होगी यह आपके कार्यो और कर्मो पर निर्भर करेगा। मगर आज एक बात तो सांफ़ हो गई, मेरे देश का युवा स्वाभिमानी हो गया हैं। और जिसने उन्हे स्वाभिमानी बनाया वह वही शख्स हैं, जो शाक्त हैं, एक देवी का उपासक हैं, और जिसके लिये कर्म और राष्ट्र ही सर्वोपरी हैं। 
बहुत समय बाद भारत को कोई उम्मीद मिली हैं, जो उसकी शक्ती, विश्वास और ऊर्जा को सही दिशा देने मे सक्षम हैं। बस उसका हौंसला ना टूटने देना। वह अकेला चल रहा हैं, और अकेले ही उसने सबकुछ बदल दिया, बस अब उसका साथ देदो। क्या पता अगले चुनाव मे भारतवासी नही विश्वगुरु के नागरीक अपने मत का प्रयोग करें। मैने अटल जी के अलावा कभी किसी राजनेता को इतना सम्मान नही दिया, पर इस व्यक्ति के लिये दिल से आवाज आती हैं। कुछ तो हैं ना उसमे। जिसने आज पुरे भारत को एक होने पर मजबूर कर दियां। जात, धर्म से परे सबको राष्ट्रवादी बना दिया। अगर मोदी नही तो फिर कोई नही बस यहीं सोच थी इस बार सबकी, जिसने पुरे भारत को ही भगवामयी बना दिया। भगवा किसी धर्म विशेष का रंग नही हैं। भगवा आन हैं, सनातन धर्म की, भगवा आन हैं, सिन्धु घाटी से उपजी महान संस्कृति की। बस आज उसी भगवा की शान मे चार चांद, माँ भारती के लाल ने लगा दिये हैं।
अब जिसे जो कहना हैं कहलो, मैं तो खुश हूँ, मेरा देश स्वाभिमानी हो गया। उसने हर उस शख्स को नकार दिया, जिन्होंने मातृभूमि का अनादर किया। सोच किसकी कैसी हैं पता नही , मगर राष्ट्रवाद तो लोगो मे हैं । और यहीं राष्ट्रवाद नये भारत को नई बुलन्दियों पर लेकर जायेगा। 
अब मेरी वह सूची जिसमे मे स्वामी विवेकानंद, अटल जी और कलाम जी को रखता था, आज से मोदी जी भी उसी का हिस्सा होंगे। आपके आदर्श कौन हैं, यह तो आपको सोचना होता हैं। मगर मेरे आदर्श तो वही हैं, जिन्होने देश को चलना सिखाया, अपने आप पर गर्व करना सिखाया और मेरे सनातन धर्म की आन को अपने कर्मो से परिभाषित कर दिखाया।
वंदे मातरम् ।।

आयुष पंचोली 
©ayush_tanharaahi