Nojoto: Largest Storytelling Platform

हां मानी है मैंने हार अब सभी से, मगर मुझे खुदको हर

हां मानी है मैंने हार अब सभी से,
मगर मुझे खुदको हराना नहीं है,

रिश्तों में है जो दरारें पुरानी
मुझे अब उनको मिटाना नहीं है

ज़िद इसको कहो तुम या कहो अभिमानी,
मुझे अब किसी को मनाना नहीं है

हैं चारों दीवारें , छत भी हैं सर पर,
घर बोलूं जिसको वो ठिकाना नहीं है

करती हूं मै बस रब पर भरोसा,
ख़ुदा अब किसी को बनाना नहीं है

©Jyoti Dixit
   khud se nazar milani hai
#alone #khayal #Poetry #Hindi #nojohindi #nojotocreater #writer #poetrywriter #thought_of_the_day