सुना है जो मैंने क्या सब कह रहे हैं बने थे जो तिनको से दर ढह रहे हैं कोई कहता है यार अच्छा हुआ ये नयी कोई चीज़ आएगी अब घरों में अँधेरों में ये उजले दीपक दिखाये नयी जान फूँके जो मुर्दा दिलों में है दर्दों भरा ये लगेगा किसी को कहे वो ये लूटकर न ले जाये तुम को नयी चीज़ पाने की ख्वाहिश सभीको ग़मों में बदल दे न लेकिन ये सुख को तो जो भी सुना है क्या सच ही सुना है? जो कहता है उसने कहां से सुना है? जो सब कहते हैं तो क्या सच हो गया? रे कितना समय तेरा ख़र्च हो गया रे क्यों इक दिशा में ही सब बह रहे हैं? सुना है सुना है ये सब कह रहे हैं... Rumours