वक्त की स्याही बदल दे जीवन का अस्तित्व हमारा कभी ग़मों का अंधेरा छाये तो कभी ख़ुशियों सा जीवन महक जाए, कभी पथरीले संघर्ष के पथ पर चलाये तो कभी रेत सा जीवन फिसलता जाए, कभी रिश्तों को निभाने में तो कभी अपनों को मनाने में जीवन सारा गुजर जाए, कभी कड़वा सा तो कभी मीठा सा हर लम्हे का अनुभव है कराये, वक्त है जीवन की बिसात कभी जीताये तो कभी हरा जाए, ♥️ Challenge-918 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।