है रस्मो-रीत और रिवाज भी तो है | है रोशनी कहीं तो कहीं दाज भी तो है ! नफ़रत के लिए शर्त न देखी कभी मगर , मुहब्बत पे पहरे कल जो थे वो आज भी तो है ! रियासत नहीं किसी की कहीं कोई भी मगर, सियासत है हुक्मरां हैं, तख़्तो-ताज भी तो है! रोटी मकान कपड़े हैं जीने के ये सामां, मयस्सर कहां है सभी को, मोहताज भी तो है #yqaliem #cinemagraph #independenceday #siyasat #daaj #nafratmohabbat #rasmo_reet_riwaaj #Takhto_taaj दाज - अंधेरा, darkness.