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न जाने कितने क्षणों से गढ़ी हैं मैंने अविस्मृत स


न जाने 
कितने क्षणों से
गढ़ी हैं मैंने 
अविस्मृत स्मृतियाँ
तुम्हारे साथ !

स्मृतियाँ
जिनके रहे अपने ही 
असंख्य इंद्रधनुष।
सात रंगों की बाध्यता से
पूर्णतः मुक्त।
तुम्हारे साथ!

प्रत्येक स्मृति का रहा
अपना 
एक अलग ही दिवस
अवसान रहित।
तुम्हारे साथ !

अभी जीने हैं 
अनगिनत क्षण।
गढ़नी हैं
और अनगढ़ स्मृतियाँ। 
तुम्हारे साथ !
--सुनीता डी प्रसाद💐💐
 #अनगढ़..

न जाने
कितने क्षणों से
गढ़ी हैं मैंने 
अविस्मृत स्मृतियाँ
तुम्हारे साथ !

न जाने 
कितने क्षणों से
गढ़ी हैं मैंने 
अविस्मृत स्मृतियाँ
तुम्हारे साथ !

स्मृतियाँ
जिनके रहे अपने ही 
असंख्य इंद्रधनुष।
सात रंगों की बाध्यता से
पूर्णतः मुक्त।
तुम्हारे साथ!

प्रत्येक स्मृति का रहा
अपना 
एक अलग ही दिवस
अवसान रहित।
तुम्हारे साथ !

अभी जीने हैं 
अनगिनत क्षण।
गढ़नी हैं
और अनगढ़ स्मृतियाँ। 
तुम्हारे साथ !
--सुनीता डी प्रसाद💐💐
 #अनगढ़..

न जाने
कितने क्षणों से
गढ़ी हैं मैंने 
अविस्मृत स्मृतियाँ
तुम्हारे साथ !