White कभी कभी मेरे वाक्य तुम्हें ठेस पहुचाएंगे मेरे शब्द तीर की तरह हृदय को चुभ जायेंगे उस दिन भी तुम मुझे प्रेम से निहारोगी क्या? ये जानते ही हो की मन से तो तुमको ठेस नहीं पहुंचा सकता मैं पूर्णता त्रुटिहीन तो नहीं हूं, कभी कभी भटक भी तो हूं सकता? उस दिन भी मुझे प्रेम से राह पर लाओगी क्या? मैं कुछ भी बोलूं रूठूं, या झगड़ा करूं सच्चे हृदय से मनाने पर मान जाओगी क्या? ये काया, रंग रूप तो सब माया है मेरी आत्मा से प्रीत लगाओगी क्या? सचमुच कठिन होता है प्रेम और उसे निभाना। शुद्ध इक्षा से प्रयास कर पाओगी क्या? ©mautila registan(Naveen Pandey) #LivingTogether