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शायद कुछ मर रहा है भीतर मेरे, खुद से ही बैर कर रहा

शायद कुछ मर रहा है भीतर मेरे,
खुद से ही बैर कर रहा हूँ मै ।।
बैचैनी सर पर चढ़ रही है मेरे,
अब रोज़ नई जंगे लड़ रहा हूँ मैं।।

 बैचैनी #nojoto #nojotokabhri
शायद कुछ मर रहा है भीतर मेरे,
खुद से ही बैर कर रहा हूँ मै ।।
बैचैनी सर पर चढ़ रही है मेरे,
अब रोज़ नई जंगे लड़ रहा हूँ मैं।।

 बैचैनी #nojoto #nojotokabhri