यारो की महफ़िले वो होस्टल की रातें, वो दारू का गिलास को सिगरेट का कस और वो बातें । बहुत समय बिताते थे हम यारो के संग, हिमांशु की बालकनी से करते थे लड़कियों को तंग । वो उसे चश्मिश कह के बुलाना बहुत याद है आता, काश ये समय फिर लौट के आ जाता। इंजीनियर को डाक्टर पसन्द है आती, काश ये यादें फिर से हक़ीक़त बन जाती । ----हर्ष कौशल ----instagram/ के.एच्.कौशल ♥️वो यादें♥️