जकड़ लेती है कोई बात तेरी मेरे सूने मन को समझे ही नहीं तुम यार मेरे इस पागलपन को तुम छोड़ गये मझधार में मुझको गैर समझ के इक बार ज़रा तुम सुन तो लेते मेरी धड़कन को #napowrimo में आज नौवाँ दिन है। कभी कभी कोई बात मन को जकड़ लेती है। चाह कर भी उससे छुटकारा मुश्किल हो जाता है। #बातजकड़लेतीहै #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #अनकहेअल्फ़ाज़ #पागलपन #धड़कन #मझधार