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वर्षा ऋतु *** दोहावली तपे दोपहर जेठ की ,व्याकुल स

वर्षा ऋतु
***
दोहावली

तपे दोपहर जेठ की ,व्याकुल सब नर नार।
ऋतु बदले आषाढ़ में,  दादुर रहे पुकार ।।

श्वेत  वसन धारण किये, नील गगन मुस्क़ाय।
घिर घिर बदरा आय जब ,हिय हर्षित हो जाय।।

कागज की किश्ती चले ,इस मौसम बरसात ।
उस निर्धन की झोपड़ी ,टपकी पूरी रात ।।

please read in Caption
*** #वर्षा ऋतु #दोहे#Nozoto hindi
***
तपे दोपहर जेठ की ,व्याकुल सब नर नार।
ऋतु बदले आषाढ़ में,  दादुर रहे पुकार ।।

श्वेत  वसन धारण किये, नील गगन मुस्क़ाय।
घिर घिर बदरा आय जब ,हिय हर्षित हो जाय।।
वर्षा ऋतु
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दोहावली

तपे दोपहर जेठ की ,व्याकुल सब नर नार।
ऋतु बदले आषाढ़ में,  दादुर रहे पुकार ।।

श्वेत  वसन धारण किये, नील गगन मुस्क़ाय।
घिर घिर बदरा आय जब ,हिय हर्षित हो जाय।।

कागज की किश्ती चले ,इस मौसम बरसात ।
उस निर्धन की झोपड़ी ,टपकी पूरी रात ।।

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*** #वर्षा ऋतु #दोहे#Nozoto hindi
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तपे दोपहर जेठ की ,व्याकुल सब नर नार।
ऋतु बदले आषाढ़ में,  दादुर रहे पुकार ।।

श्वेत  वसन धारण किये, नील गगन मुस्क़ाय।
घिर घिर बदरा आय जब ,हिय हर्षित हो जाय।।
anitasudhir8044

Anita Sudhir

New Creator