खुद से बेखबर यूं गुम सा हुआ मैं, ना आसमां का पता ना जमीं का पता। पत्ते पर गिरी सुबह की ओस की बूंद सा, जहां ठहरा बस वही मरकज़ जान लिया।। #गुमशुदा खुद में ही पता जान लिया #आसमां #जमीं को भुला कर #मरकज वही जहां ठहर गया मैं #ओस की बूंद सा #yqdidi #like #tarunvijभारतीय Thanks Kanishka Khatri ma'am 😄