दब गया है मेरा वजूद मेरी ख्वाइशों के बोझ तले कहीं मेरे मौला एक वक्त ऐसा भी था जब ये हमेशा मुस्कुराता हुआ मिलता था मुझको... ©Nikhil Kaushik दब गया है #मेरा_वजूद मेरी #ख्वाइशों के बोझ तले कहीं #मेरे_मौला एक #वक्त ऐसा भी था जब ये #हमेशा #मुस्कुराता हुआ मिलता था #मुझको... #bojh