वो मेरे हाथों से अपना हाथ हटाने लगी है, मैं क्या हूँ वो अब मुझे बताने लगी है। उसके घर की दीवार को रंगा उसने कल, हाथों से अपने वो मेरी तस्वीर मिटाने लगी हैं। बहलता था जिसकी मुस्कराहट को देखकर, वो तो अब अपने आंसूं भी छिपाने लगी है। जिसकी ख़ुशी के सिक्के मैं इकठ्ठे किया करता था, वो आजकल अपनी दौलत लुटाने लगी है। वो मुझसे खुद को छिपाने लगी है। मैं क्या हूँ वो मुझको बताने लगी है। #tum