लहज़े मे आजकल के अकीदत नहीं बची, बातों मे सब बचा है, हकीकत नहीं बची, चीज़ों के इंतज़ाम मे ऐसे उलझ गए, पैसे बहुत बचा लिए, फुर्सत नहीं बची, एक ज़िन्दगी गुज़ार दी तेरे यकीन को, तुझको यकीं हुआ तो मोहब्बत नहीं बची, चाहे तो एक बार शुरू से शुरू करे, पर यार सच बताये तो हिम्मत नहीं बची.. लहज़े मे आजकल के अकीदत नहीं बची, बातों मे सब बचा है, हकीकत नहीं बची, चीज़ों के इंतज़ाम मे ऐसे उलझ गए, पैसे बहुत बचा लिए, फुर्सत नहीं बची, एक ज़िन्दगी गुज़ार दी तेरे यकीन को, तुझको यकीं हुआ तो मोहब्बत नहीं बची, चाहे तो एक बार शुरू से शुरू करे, पर यार सच बताये तो हिम्मत नहीं बची..