"पुरुष" है वो °°°°°°°°°°°°° नि:शब्द ही सब कुछ सहता है, अपार विषाद भी मन में रखता है... आदत में है सदा कहना मुझें कोई पीड़ा नहीं, बस इसी भ्रम में सबको सदा ही रखता है... ****** वो महाराज-सा पिता, पुत्र और भाई है, मईया के उत्तम संस्कारों की परछाई है... सब कुछ सही करे तो "तात" आन है वो, वरना कुल सर्वनाश की बेला आई है... ****** वो पत्नी का सिंदूर और बहन की राखी है, सदा हर ग़लती पर सबको दे देता माफ़ी है... प्रत्येक दिन का सूर्य और रात्रि का चंद्र है वो, वो "पुरुष" हर विपदा पर प्रहार लौह लाठी है... ****** -रेखा "मंजुलाहृदय" ©Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" #InternationalMensDay2020 #मंजुलाहृदय #Nov 19th, 2020 #Rekhasharma