हवा चली है #पुरवईया की, आँचल उड़-उड़ जायो रे.! मैं पंछी बनकर उड़ जाऊं, मन मेरा झूम जायो रे.! सोलह श्रृंगार करके अपना, साजन को खूब रिझाऊं रे.! चली हवा है #पुरवईया की, तन-मन खिल-खिल जायो रे.! #अजय57 #NojotoQuote