जो बीत गया है वो अब दौर न आएगा इस दिल मे शिवा तेरे कोई और न आएगा घर फूक दिया हमने अब राख उठानी है ज़िन्दगी और कुछ भी नही तेरी मेरी कहानी है जयराम पांडेय