महोब्बत महोब्बत तो बेइंतहा है तुमसे बस इजहार से दिल डरता है हर पल पास मैं तेरे रहना चाहूं बस तेरे इनकार को दिल डरता है वो तेरे हर पल के बेअदब से किस्से तेरे हर किस्सो में मेरे एहसासों के नए हिस्से अपने हर एक एहसास में तुझे अपना कहने को दिल करता है महोब्बत तो बेइंतहा है तुमसे बस इजहार को दिल डरता है तेरा मुझे वो पागल कहना फिर हल्के से मेरे कांधे पर अपना सर रखना तुझसे छुपके मेरा तेरी आंखों में झांकना तेरी नजरो में हर पल सँवरने को दिल करता है महोब्बत तो बेइंतहा है तुमसे बस इजहार से दिल डरता है वो तेरा मुझे चाय के नाम पर चिढाना और मेरा तुझसे वो झूठमूट का रूठ जाना मेरी नाराज़ आंखों को तेरा हर पल मनाना और मेरे हल्के से मुस्काने पर तेरा मुझे वो चाय पिलाना तेरी इन नादानियों पर हर बार रुठ जाने को मन करता है महोब्बत तो बेइंतहा है तुमसे बस इजहार से दिल डरता है दुनिया के दिखावे से दूर मुझे तेरा बाबू सोना नही बनना बस तेरे दिल के पास तेरी आरजू बनने को दिल करता है महोब्बत तो बेइंतहा है तुमसे बस इजहार को दिल डरता है इज़हार को दिल डरता है सीमा रावत😊 मोब्बत❤️