चारों तरफ थी गाड़ियां ,चौराहे की बात थी , जब घर से निकला मैं उस समय की बात थी , हवालदार ने रोका और छीना मेरा शान, कटा चालान......कटा चालान...चालान| न जेब में थे कागज ,न ऊपर हेलमेट , और अपने काम पर हो रहा था मैं लेट , वो कलम से कागज पर कुछ लिखने लगा, गुस्से से मेरे ऊपर वह चीखने लगा, मैंने मांगी माफ़ी और पकड़े दोनों कान, कटा चालान......कटा चालान....चालान| देश सड़कों को अब चालान बचा कर रखेगा , अनुशासन के पाठ को चालान बचा कर रखेगा , लोग सड़कों पर वाहन लेकर बहके -बहके चलते जो , उन लोगों से हमको ये चलान बचा कर रखेगा | सौम्य पराशर #कटा_चालान