मुड़ के देख रही हो बारबार झरा देखो आगे गिर जाओगी.... उठाने नहीं आयेगा कोई चाहे कितना भी चिल्लाओगी.... पागल हो क्या जो बार-बार एक ही गलती दोहराओगी..... 'महेक' सोच लो दफा हजार वरना अब तो पक्का जल्ली कहेलाओगी...... ©Mahek Chudasama #meribate