मगर मैं चल ना सकी, उसीके साथ ढलना था, मगर मैं ढल ना सकी, हर पग पर सँभलना था, पर यूँ भी सँभल ना सकी, किसीके इर्द गिर्द फिरना; तो मकसद था नहीं मेरा, मगर जो था उन राहों में, उसको मैं छल ना सकी... बात किसकी बनी हुई है? हर व्यक्ति की समय से ठनी हुई है। समय से अपने संबंधों की कहानी लिखें। #समयकेसाथ #collab #yqdidi ... योरकोट हिंदी की बेहतरीन रचनाएँ पढ़ें Best YQ Hindi Quotes प्रोफ़ाइल पर। #YourQuoteAndMine