भीड़ मे दबी कहीं हा एक आवाज़ हु, हा मैं तुजमे ही छुपा कोई राज़ हु.. हु तेरी मौजूदगी से खुशहाल, दूरियों से भी तेरी हा मैं आबाद हु.. खुशियों का तेरी दूर का साथीदार सही, गमो का तेरे हाँ मैं पूरा भागीदार हु.. "मृगतृष्णा" ही सही प्रेम वो तेरा, "भ्रम" मे भी खुश, हा मैं इतना समझदार हु.. ना आयी कमी ज़रा सी भी तेरी फिकर मे कभी, तू मेरी अधूरी वो "सच्ची दुआ", मैं तेरा सच्चा नमाज़ी हु.. हुँ खुश वैसे तेरी वो "ना" मे भी, इबादत-ए-इश्क़ मे तेरे हा मैं एक "हा" मे भी राज़ी हु.. #इबादत_ए_इश्क़ #yqbaba #yqlove #yqdidi #yqquotes #yqtales #yqhindi