प्यार_का_दस्तावेज़ Dedicating a #testimonial to Vandana Rai प्रार्थना सी पवित्र बातें लिखती हो, पवित्रता की सुंदरता उजागर करती हो, प्रेम रस से विभोर कर देते हैं शब्द, जब भी तुम रचना का सृजन करती हो, लिखती हो...मधुर स्वर में गाती हो, गीत हो ग़ज़ल हो मिठास भरा करती हो, ना मंदिर का प्रांगण ना मूर्ति *कृष्ण* की,