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मैं तेरे घर हो के गुजरता हूँ,

मैं तेरे घर हो के गुजरता हूँ,
                    तेरी निगाहें मुझपे पड़ती है|
मेरे मंजिल चाहे जो भी हो,
                     मेरी हर राहें तेरी आँखों से गुजरती है||
 #यकहिन्दी #यकदीदी #यकबाबा #यककोट्स
मैं तेरे घर हो के गुजरता हूँ,
                    तेरी निगाहें मुझपे पड़ती है|
मेरे मंजिल चाहे जो भी हो,
                     मेरी हर राहें तेरी आँखों से गुजरती है||
 #यकहिन्दी #यकदीदी #यकबाबा #यककोट्स
dhiraj2274074395412

dhiraj

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