मिट्टी की तरह सोखना चाहिए हमें हर बात समोखना चाहिए जिसके विरोध में सभी खड़े हैं उसकी ओर से सोचना चाहिए गलती किसी की भी हो दर्मियां झगड़े को जल्दी रोकना चाहिए इधर उधर सुकूँ खोजने के वजाय, अपने भीतर सकूँ खोजना चाहिए जीवन रूपी भोजन की थाली में सब्र रूपी फल परोसना चाहिए ©AJIT ANCHAL YADAV #10