भूल गए घर की राहें अस्पताल को घर मान लिया जीतेंगे इस मुश्किल से भी मन में बस ये ठान लिया गोद में रख कर भारत पूरा भुला दिया अपना आराम जो राहें मौत की और जाती थी उन्हें जीवन की ओर मोड़ दिया सफेद लिबास पहन कर प्रभु ने मंदिर मस्जिद छोड़ दिया जिस हाथ पर मौत लिखी थी वो हाथ उन्होंने थाम लिया हर मतभेद भुला कर अपने फ़र्ज़ को अंजाम दिया कई सूरज उगे कई चाँद ढले आंखों में ना नींद के झोंके थे महामारी के यमदूतों को वो प्रहरी बन रोके थे भूल गए वो घर की राहें अस्पताल को घर मान लिया जीतेंगे इस मुश्किल से भी मन में बस ये ठान लिया। ©Dr. Shadab Ali #doctorsday #beingadoctor #covid19 #covidwarriors #nojohindi