गलत को कहीं गलत अब बोला नहीं जाता जहां चाहिए वहीं जुबां को खोला नहीं जाता तालीम ले ली, इल्म हो गया, बने बड़े ज्ञानी पर बोलने से पहले शब्दों को तोला नहीं जाता सब को देते सलाह वाली शब्दकोश की नसीहत अपने अंदर छिपे लफ्जों को टटोला नहीं जाता हर शख्स यहाँ जाने किसके होड़ में भागा फिरता सब छूट जाएगा यहाँ, ऊपर कोई झोला नहीं जाता नफ़रत ग़र है पाली, जुबां पर उसका बयान ना हो बोलकर 'कुमार' फ़िजा में ज़हर घोला नहीं जाता। पहले दो मिसरे Kehar भाई के हैं उनकी इजाज़त लेकर अपने भाव जोड़े हैं इसमे..! सब बातें एक ही सार कहती हैं कि इंसानियत का धर्म अपनाओ..। Thanks Kehar..! #kumaarsthought #kumaarpoem #kumaarseekh #kumaar_सीख #खोला #बोला #ghola #kumaaronzindagi