बड़े नसीब से मैंने आज आजादी को पाया है मुद्दतों के बाद यह 'शुभ' दिन फ़िर आया है बच्चों ने माँ, माँ ने अपने बच्चों को खोया है हर चमन उजड़ गया बाग आज फिर रोया है कतरा-कतरा लहू बहा 'केसरिया' छाया है ग़मगीन शाम के बाद रोशन सवेरा आया है नमन सपूतों को, मन मेरा खुश हो आया है माँ भारती के दामन को जिसने महाकाया है ♥️ Challenge-661 #collabwithकोराकाग़ज़ 🇮🇳 स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ 🇮🇳 ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।