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अमीर ने नींद से सवाल पूछा मेरे पास सब कुछ होक भी

अमीर ने नींद से सवाल पूछा 
मेरे पास सब कुछ होक भी 
तू मेरे यहाँ क्यों नहीं आती 
आखिर ऐसा भी क्या हे उस गरीब की गली में 
जो तू हर रात वही जाती हैं
तो नींद ने भी उसे बड़ी खूबी से जवाब दिया 
में आमिर और गरीब देख के नहीं आती 
में सुकून देख के आती हु 
में दिन भर के मेहनत का फल हु 
में अधूरे स्पनो से जुड़ने का पल हु 
में तराजू नहीं जो तुम मुझे तोल पाओ 
में कोई लकीर नहीं जो तुम मुझे भेद पाओ 
मेरी कोई कीमत नहीं जो तुम मुझे खरीद पाओ 
तुम रहिस हो या गरीब 
तुम्हरा बंगला हो या झोपडी 
मुझे फर्क नहीं पड़ता 
में तो वही जाती हु 
जहा सुकून हो मन में 
ना कुछ खोने का गम हो 
और नाही कुछ पाने की लालसा

©DEAR COMRADE (ANKUR~MISHRA) अमीर ने नींद से सवाल पूछा 
मेरे पास सब कुछ होक भी 
तू मेरे यहाँ क्यों नहीं आती 
आखिर ऐसा भी क्या हे उस गरीब की गली में 
जो तू हर रात वही जाती हैं
तो नींद ने भी उसे बड़ी खूबी से जवाब दिया 
में आमिर और गरीब देख के नहीं आती 
में सुकून देख के आती हु
अमीर ने नींद से सवाल पूछा 
मेरे पास सब कुछ होक भी 
तू मेरे यहाँ क्यों नहीं आती 
आखिर ऐसा भी क्या हे उस गरीब की गली में 
जो तू हर रात वही जाती हैं
तो नींद ने भी उसे बड़ी खूबी से जवाब दिया 
में आमिर और गरीब देख के नहीं आती 
में सुकून देख के आती हु 
में दिन भर के मेहनत का फल हु 
में अधूरे स्पनो से जुड़ने का पल हु 
में तराजू नहीं जो तुम मुझे तोल पाओ 
में कोई लकीर नहीं जो तुम मुझे भेद पाओ 
मेरी कोई कीमत नहीं जो तुम मुझे खरीद पाओ 
तुम रहिस हो या गरीब 
तुम्हरा बंगला हो या झोपडी 
मुझे फर्क नहीं पड़ता 
में तो वही जाती हु 
जहा सुकून हो मन में 
ना कुछ खोने का गम हो 
और नाही कुछ पाने की लालसा

©DEAR COMRADE (ANKUR~MISHRA) अमीर ने नींद से सवाल पूछा 
मेरे पास सब कुछ होक भी 
तू मेरे यहाँ क्यों नहीं आती 
आखिर ऐसा भी क्या हे उस गरीब की गली में 
जो तू हर रात वही जाती हैं
तो नींद ने भी उसे बड़ी खूबी से जवाब दिया 
में आमिर और गरीब देख के नहीं आती 
में सुकून देख के आती हु