कहा से लिखना शुरु करुँ वे अजीब से पल जिन्हें मैं याद करुँ । अनोखा सा रिश्ता था वह अजिब सा प्यार था वह। साथ रहे अहसास नहीं दुर गये तो भुले नहीं । चेहरा हमेंशा वह याद आता है कमबख्त बहुत रुलाता है । खून का रिश्ता नहीं था न दोस्ती का नाता था । बहुत प्यार किया था तुमसे कभी कह पाये ना तुमसे । आज तुम मेरे साथ नहीं मैं तुम्हारे पास नहीं । फिर भी प्यार है कि कम होता नहीं क्या दोष दे इस कमबख्त दुनिया को दरिंदों कि कमी नहीं औलाद बङे बाप कि । हिम्मत तुम हार गयी अपने ही हाथों अपने को मार गयी । एक बार भी न सोचा तुने क्या गुज़रेगी मेरे दिल पर । मर मर के जी रहा हु बिन तेरे इस दुनिया मे । यमराज से छुट्टी मिले एक दफा लोट आना तुम अपना प्यारा सा मुखङा दिखाना तुम । ईश्वर से एक मुराद बाकि है गोविंद देख पाउ तुझे यह चाह बाकि है। #miss #love #Awesome #mypoet #Hello #